यूपी के 6 लाख से अधिक शिक्षकों के लिए बड़ी खबर! हाइकोर्ट आदेश के बाद बढ़ीं मुश्किलें डिजिटल अटेंडेंस लागू करने की तैयारी UP Primary Teacher Big Update

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UP Primary Teacher Big Update: उत्तर प्रदेश की 6 लाख से अधिक शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के लिए जल्दी नई गाइडलाइन जारी हो सकती है। हाई कोर्ट आदेश के बाद विभाग ने तैयारी तेज कर दी है। प्रदेश में 1 लाख से अधिक परिषदीय स्कूल हैं, जिसमें लाखों की संख्या में शिक्षक तैनात हैं। हाई कोर्ट आदेश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। इन शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति शुरू करने के लिए जल्द ही नई गाइडलाइन जारी किए जाने की तैयारी है। 30 अक्टूबर को हाई कोर्ट में अगली सुनवाई होगी। शिक्षा विभाग 30 अक्टूबर से पहले नई गाइडलाइन जारी कर सकता है। अगली सुनवाई से पहले सभी दिशा निर्देश जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है।

यूपी के शिक्षकों को देनी होगी ऑनलाइन उपस्थिति?

बता दें कि कंपोजिट स्कूल तिंदवारी बांदा की टीचर इंदिरा देवी की याचिका पर सुनवाई करते समय हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को परिषदीय स्कूलों में अध्यापकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने स्कूलों में अध्यापकों की डिजिटल अटेंडेंस की व्यवस्था करने और जिला एवं ब्लॉक स्तर पर टास्क फोर्स गठित करने का भी आदेश दिया था, ताकि शिक्षकों की स्कूलों में उपस्थिति पूरी तरह से सुनिश्चित हो सके। हाई कोर्ट ने कहा था कि शिक्षकों की गैर मौजूदगी से बच्चों के निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा कानून 2009 का पूरी तरह से उल्लंघन हो रहा है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने डिजिटल अटेंडेंस लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। 30 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई से पहले नई गाइडलाइन जारी की जा सकती है।

शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का आदेश

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि 6 से 14 साल तक के बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू है, जो उन्हें शिक्षा का अधिकार देता है। जबकि शिक्षकों की स्कूलों में गैर मौजूदगी या अनुपस्थिति शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का पूरी तरह से उल्लंघन है। गरीब बच्चों के शिक्षा पाने के मौलिक अधिकारों का पूरी तरह हनन हो रहा है। वैसे तो बेसिक शिक्षा विभाग ने टैबलेट के माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने की व्यवस्था कर रखी है, लेकिन अभी इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है। समग्र शिक्षा अभियान की ओर से पिछले दिनों जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश भर के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा एक से लेकर 8 तक के लगभग 16.79 प्रतिशत की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज की गई थी। वहीं शिक्षकों की बात की जाए तो प्रदेश में कुल केवल 100 से कम शिक्षकों द्वारा ही ऑनलाइन उपस्थिति दी गई थी।

डिजिटल अटेंडेंस से बढ़ेगी शिक्षकों की मुश्किलें

सरकार की ओर से इससे पहले भी डिजिटल अटेंडेंस लागू की गई थी, लेकिन शिक्षकों के भारी विरोध के कारण सरकार ने इसे स्थगित कर दिया था और तब से यह प्रक्रिया पूरी तरह से यथास्थिति बनी हुई थी। हालांकि इसे पूरी तरह से समाप्त नहीं किया गया था। अब हाई कोर्ट आदेश के बाद डिजिटल अटेंडेंस लागू होने की संभावनाएं फिर बढ़ गई हैं। हालांकि डिजिटल अटेंडेंस से शिक्षकों को काफी मुश्किलें आने वाली हैं, क्योंकि बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक विद्यालय शहर या ब्लॉक मुख्यालय से काफी दूर स्थित हैं। कुछ विद्यालय ऐसे हैं जहां आने-जाने के रास्ते भी काफी दुर्गम हैं। शिक्षक संगठन भी काफी लंबे समय से इसका विरोध कर रहे हैं और फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। हालांकि अब उच्च न्यायालय के आदेश के बाद विभाग ने डिजिटल अटेंडेंस लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। अब देखने वाली बात होगी कि हाई कोर्ट में सरकार क्या जवाब देती है और हाई कोर्ट इस पर क्या अंतिम निर्णय देती है।